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AI का असर: सरकारी और बैंकिंग नौकरियों में कौन-से काम खतरे में और कहाँ बन रहे हैं नए मौके?

By Abhishek Sadmake

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ai ka sahi tarika

भारत में पिछले कुछ सालों से Artificial Intelligence (AI) की चर्चा हर जगह हो रही है। आज AI सिर्फ मशीनों तक सीमित नहीं रहा बल्कि यह सरकारी दफ्तरों और बैंकों के कामकाज तक पहुँच चुका है। लोग यह जानना चाहते हैं कि सरकारी नौकरियों पर AI का असर कैसा होगा और आने वाले समय में बैंकिंग सेक्टर की नौकरियाँ किस दिशा में जाएंगी।

AI की वजह से कई पुराने काम आसान हो रहे हैं लेकिन इसके साथ ही कई कर्मचारियों को डर भी है कि कहीं उनकी नौकरी खतरे में न पड़ जाए। वहीं दूसरी तरफ नए अवसर भी बन रहे हैं जिनके लिए युवाओं को खुद को तैयार करना होगा।

सरकारी नौकरियों पर AI का असर

सरकारी विभागों में अब ज्यादातर काम डिजिटल तरीके से होने लगे हैं। पहले जहाँ फाइलों का ढेर लगता था और डेटा एंट्री करने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारी चाहिए होते थे, अब वही काम AI और कंप्यूटराइज्ड सिस्टम मिनटों में कर देते हैं।

उदाहरण के तौर पर, डाटा एंट्री और क्लेरिकल काम अब मशीनों की मदद से हो रहे हैं। इसी तरह शिकायत निवारण और कस्टमर सपोर्ट जैसे कामों में भी AI चैटबॉट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे उन नौकरियों की ज़रूरत कम हो गई है जो सिर्फ दोहराए जाने वाले कार्यों पर आधारित थीं।

बैंकिंग नौकरियों पर AI का असर

बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़ा बदलाव तकनीक के जरिए आया है। पहले जहाँ पासबुक अपडेट या अकाउंट से जुड़ी बेसिक जानकारी के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती थी, अब मोबाइल ऐप और AI टूल्स से सबकुछ तुरंत हो जाता है।

कस्टमर हेल्पडेस्क पर भी AI आधारित सिस्टम ने बड़ी जगह ले ली है। छोटे-मोटे सवालों के जवाब अब चैटबॉट दे रहे हैं, जिससे कॉल सेंटर और हेल्पलाइन पर दबाव कम हुआ है। ऐसे में पारंपरिक बैंकिंग जॉब्स पर असर पड़ना स्वाभाविक है।

AI से सरकारी और बैंकिंग सेक्टर में नए मौके

AI सिर्फ पुरानी नौकरियों को खत्म नहीं कर रहा बल्कि नई तरह की नौकरियाँ भी पैदा कर रहा है। आज दोनों ही सेक्टर में ऐसे कई रोल सामने आ रहे हैं जिनकी डिमांड आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी।

सबसे पहले बात करें AI और डेटा एनालिटिक्स की। सरकारी योजनाओं और बैंकिंग रिकॉर्ड्स से जुड़ा डेटा बहुत बड़ा होता है। इसे समझने और सही दिशा में उपयोग करने के लिए एक्सपर्ट्स की ज़रूरत है।

इसके अलावा साइबर सिक्योरिटी और फ्रॉड डिटेक्शन भी एक अहम क्षेत्र बन चुका है। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन बढ़ने के साथ धोखाधड़ी भी बढ़ी है, इसलिए बैंकों और सरकारी पोर्टल्स को सुरक्षित रखने के लिए स्पेशलिस्ट चाहिए।

डिजिटल इंडिया की पहल के बाद डिजिटल सर्विस मैनेजमेंट में भी नौकरियाँ बढ़ रही हैं। वेबसाइट, मोबाइल ऐप और ऑनलाइन सेवाओं को चलाने के लिए युवाओं को नए स्किल्स सीखने की ज़रूरत होगी। साथ ही, कई संस्थान अब अपने स्टाफ को नई तकनीक सिखाने के लिए AI ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट विशेषज्ञों को भी हायर कर रहे हैं।

युवाओं के लिए जरूरी बातें

आज के युवाओं को अगर सरकारी या बैंकिंग सेक्टर में आगे बढ़ना है तो उन्हें पुरानी पढ़ाई के साथ-साथ नई तकनीक की समझ भी रखनी होगी। AI, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसे कोर्स करके वे खुद को आने वाले समय के लिए तैयार कर सकते हैं।

डिजिटल टूल्स और ऐप्स का इस्तेमाल जितना आसान लगेगा, उतना ही नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, नई भर्तियों और जॉब नोटिफिकेशन पर नज़र बनाए रखना भी जरूरी है ताकि सही समय पर आवेदन किया जा सके।

आगे का रास्ता

AI आने वाले समय में सरकारी और बैंकिंग नौकरियों का चेहरा बदल देगा। कुछ पुराने काम मशीनें कर लेंगी लेकिन इससे नए रोल और नई जिम्मेदारियाँ भी सामने आएंगी। जो युवा समय रहते खुद को अपडेट करेंगे, उनके लिए यह बदलाव नौकरी छिनने का डर नहीं बल्कि करियर बनाने का मौका साबित होगा।

I am Abhishek Sadmake, a finance and tech enthusiast who enjoys turning complex topics into simple, easy-to-follow guides. Through my blogs, I share insights on investments, digital tools, and smart money tips to help beginners make confident decisions.

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